محوِ یاس اور سوگوار رہا
رات بھر دل یہ بے قرار رہا ۔
महव-ए-यास और सोगवार रहा
रात भर दिल ये बे क़रार रहा
تیرے قدموں کے انتظار میں میں
صفتِ گردِ رہ گزار رہا ۔
तेरे क़दमों के इंतज़ार में मैं
सिफ़त-ए-गर्द-ए-राह गुज़ार रहा
شبِ غم جب ہمیں ملی تنہا
بس قیامت کا انتظار رہا ۔
शब-ए-ग़म जब हमें मिली तनहा
बस क़यामत का इंतज़ार रहा
ہم شکستہ دلوں کے پاس آخر
کل ملا کے خیالِ یار رہا ۔
हम शिकस्ता दिलों के पास आख़िर
कुल मिला के ख़याल-ए-यार रहा
ہم سفر اک نہ تھا مسافت میں
فیضِ تنہائ بے شمار رہا ۔
हम सफ़र इक न था मुसाफ़त में
फ़ैज़-ए-तन्हाई बे शुमार रहा
بخیہ گر خوب دیکھے سمرن نے
پر گریبان تار تار رہا
बख़्या-गर ख़ूब देखे सिमरन ने
पर गरेबान तार तार रहा